I am deleting my poems I am deleting my poems
मार्गदर्शक बन सूरज हर कदम पर साथ चल रहे हैं मार्गदर्शक बन सूरज हर कदम पर साथ चल रहे हैं
लिखता हूँ जब भी तेरे बारे में, तू और दीवानी लगती है लिखता हूँ जब भी तेरे बारे में, तू और दीवानी लगती है
थोड़ा रूठूँ , थोड़ा रो लूँ थोड़ा सा हँसता हुआ मनुहार चाहती हूँ थोड़ा रूठूँ , थोड़ा रो लूँ थोड़ा सा हँसता हुआ मनुहार चाहती हूँ
असफलताओं से सीख लो विश्वास रखो खुद पर कदम आगे बढ़ाओ, असफलताओं से सीख लो विश्वास रखो खुद पर कदम आगे बढ़ाओ,
कदम से कदम मिलाना है प्रकृति का साथ निभाना है। समझौता नहीं,संभावना नहीं, समझ बढ़ाना कदम से कदम मिलाना है प्रकृति का साथ निभाना है। समझौता नहीं,संभावना नहीं, ...